16/05/2024

भारतीय फ़िल्म हस्ती का शताब्दी पुरस्कार

भारत विश्व में सबसे अधिक फ़िल्में बनाने वाला देश है। फ़िल्म उद्योग का मुख्य केन्द्र मुम्बई है, जिसे ‘बॉलीवुड‘ कहा जाता है। भारतीय फ़िल्में विदेशों में भी देखी जाती हैं। इंडियन सिनेमा ने 20वीं शती के आरम्भिक काल से ही विश्व के सिनेमा जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। इंडियन सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और विभिन्न भाषाओं में बनने वाली फ़िल्में आतीं हैं। भारतीय फ़िल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिण एशिया तथा मध्य पूर्व में हुआ। भारत में सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाज़ा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रतिवर्ष 1,000 तक फ़िल्में बनी हैं। 20वीं शती में हॉलीवुड तथा चीनी फ़िल्म उद्योग के साथ भारतीय सिनेमा भी वैश्विक उद्योग बन गया था।

वहीदा रहमान (पहली विजेता)

भारतीय फ़िल्म हस्ती का शताब्दी पुरस्कार भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरू किया गया। इसकी स्थापना भारत सरकार ने की। इस सम्मान के तहत एक प्रशस्ति पत्र, एक प्रमाण पत्र, एक पदक, एक शाल और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है। वर्ष 2013 से यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए फ़िल्मी दुनिया की हस्तियों को प्रत्येक वर्ष दिया जाता है। विदित हो कि भारतीय सिनेमा ने अपने स्थापना के 100 वर्ष 3 मई 2013 को पूरे किए, इसी दिन वर्ष 1913 में दादा साहेब फाल्के ने भारत की पहली फ़िल्म राजा हरिश्चंद्र (Raja Harishchandra) को रिलीज किया था। अंतरराष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म महोत्सव के अवसर पर हिंदी सिनेमा में अपने अतुलनीय योगदान के लिए गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को पहले शताब्दी फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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