29/04/2024

सनी देओल की टॉप-10 फ़िल्में

1 min read

सनी देओल की टॉप-10 फ़िल्में / Top 10 Films of Sunny Deol

बॉलीवुड में दमदार डायलॉग डिलीवरी के लिए प्रसिद्ध एंग्री मैन सनी देओल सदाबहार अभिनेता धर्मेन्द्र के पुत्र और बॉबी देओल के बड़े भाई हैं। सन्नी देओल ने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत 1983 में ‘बेताब’ फ़िल्म से की थी इस फिल्म में इनके सहयोगी कलाकार अमृता सिंह थीं, साथ ही फिल्म में शम्मी कपूर भी थे। सनी देओल की ‘बॉर्डर’ (Border) और ‘गदर: एक प्रेम कथा’ (Gadar: Ek Prem Katha) जैसी फ़िल्में बॉलीवुड की ‘ऑलटाइम ब्लॉकबस्टर’ फ़िल्मों में शामिल हैं। सनी देओल के डायलॉग्स आज भी लोगों के जुबाँ पर रहते हैं। 35 साल और 100 से अधिक फिल्मों के करियर में सनी देओल ने 2 नेशनल अवार्ड और 2 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं। यहाँ हम दर्शक और समीक्षकों की पसंद के अनुसार सनी देओल की टॉप-10 फ़िल्मों के बारे में बता रहे हैं।

10. बेताब / Betaab (1983)

शैली– फैमिली-रोमांस निर्देशक– राहुल रवैल

मुख्य कलाकार- सनी देओल, अमृता सिंह, शम्मी कपूर, निरुपा रॉय, प्रेम चोपड़ा आदि

विशेष नोट- पिता धर्मेन्द्र के प्रोडक्शन ‘विजेता फ़िल्म्स’ के बैनर तले बनी ‘बेताब’ सनी की पहली फ़िल्म थी। लवस्टोरी और फैमिली ड्रामा से गुंथी यह फ़िल्म लोगों को बहुत पसंद आयी और जबरदस्त हिट रही। इसे 1987 में तेलुगू में ‘सम्राट’ नाम से रीमेक भी किया गया था जिसमें रमेश बाबू और सोनम ने मुख्य भूमिका निभाई। यह फिल्म दो युवाओं की प्रेम कहानी है, जिनके परिवारों के हैसियत के अंतर के बावजूद वो प्यार में पड़ जाते हैं। सनी (सनी देओल), ग़रीब और खुशहाल लड़का है जो अपनी माँ सुमित्रा (निरुपा रॉय) के साथ अपने खेत के पास बने घर में रहता है। दूसरी तरफ अमीर सरदार की बेटी रोमा (अमृता सिंह) है। वह बिगड़ैल है, घमंडी है और अपने आस-पास नौकर-चाकर लोगों की आदी है। वह सनी की बचपन की दोस्त भी थी। फ़िल्म में राहुल देव बर्मन का संगीत है जो बेहद हिट हुआ। फ़िल्म का ‘जब हम जवां होंगे…’ गाना आज बॉलीवुड के सदाबहार गीतों में शामिल हैं।

9. त्रिदेव / Tridev (1989)

शैली– एक्शन-थ्रिलर  निर्देशक– राजीव राय

मुख्य कलाकार– नसीरुद्दीन शाह, सनी देओल, जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित, संगीता बिजलानी, सोनम आदि

विशेष नोट- करण सक्सेना (सनी देओल) एक पुलिस अधिकारी है जो अपने पिता के साथ रहता है जो पेशे से एक जज हैं। करण की शादी पुलिस आयुक्त की बेटी दिव्या माथुर (माधुरी दीक्षित) से होनी तय है। भुजंग उर्फ ​​भैरव सिंह (अमरीश पुरी) एक आपराधिक गिरोह का मालिक है जिसका पता करण लगाता है। ऐसे में करण को आपराधिक मामले में फँसा दिया जाता है। अदालत में पर्याप्त साक्ष्य की कमी के कारण करण दोषी साबित हो जाता है। करण के पिता यह देखकर आत्महत्या कर लेते है। करण को मधुरपुर नामक एक दूरस्थ इलाके में अपनी सजा के लिये स्थानांतरित किया गया। वहाँ करण एक गिरोह “त्रिदेव” बनाता है, जिसमें जय सिंह (नसीरुद्दीन शाह) नामक एक गांव डकैत है, जिसके पिता को भुजंग ने मार दिया था और पुलिस आयुक्त का बेटा रवि माथुर (जैकी श्रॉफ़), जिसकी बहन का भुजंग ने अपहरण कर लिया है। ये त्रिदेव भुजंग और उसके गिरोह के खिलाफ प्रतिशोध की कसम खाते हैं। अब ये त्रिदेव पुलिस के हस्तक्षेप बिना भूजंग के पूरे गिरोह को नष्ट करते हैं। फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर जबरदस्त हिट हुई। इस फ़िल्म के गाने भी बहुत हिट हुए। जैसे- तिरछी टोपी वाले.., मैं तेरी मोहब्बत में.., गली गली में फिरता है… आदि।

8. जीत / Jeet (1996)

शैली– एक्शन-रोमांस  निर्देशक– राज कंवर

मुख्य कलाकार– सनी देओल, करिश्मा कपूर, सलमान ख़ान, तब्बू, अमरीश पुरी, दलीप ताहिल, आलोक नाथ आदि।

विशेष नोट- करन (सनी देओल) गजराज (अमरीश पुरी) का दाहिना हाथ है, जो एक स्थानीय अपराधी है। उसके हिंसक तरीके काजल (करिश्मा कपूर) और उसके पिता द्वारा देखे जाते हैं जब वह एक आदमी को सार्वजनिक रूप से मारता है। बाद में, जब वह अपने पिता को पीटने के लिए आता है, तो काजल बिना किसी डर के उसका सामना करती है और उसे उससे प्यार हो जाता है। परिस्थितियाँ उसे भी उससे प्यार करने के लिए प्रेरित करती हैं। हालांकि, उसके पिता इन दोनों के प्यार के खिलाफ हैं और उसके खराब स्वास्थ्य के कारण, वह राजू (सलमान खान) से शादी करने के लिए सहमत हो जाती है, जो एक व्यवसायी परिवार से संबंधित है। चूंकि गजराज और राजू के पिता प्रतिद्वंद्वी हैं, गजराज करन को राजू को मारने का आदेश देता है। जब करना को पता चलता है कि राजू, काजल का पति है, तो वह उन दोनों की रक्षा करने की कसम खाता है।
भले ही इस फ़िल्म में सलमान ख़ान जैसे बड़े हीरो थे लेकिन पूरी फ़िल्म में सनी देओल छाये रहते हैं। उनका एक-एक सीन दर्शकों के दिलोदिमाग़ में आज भी ताजा है। फ़िल्म के गाने बहुत हिट हुए जिसमें यारा ओ यारा…, तू धरती पे चाहे…, सांसों का चलना…, अभी सांस लेने की फुरसत नहीं… आदि। ऐसा माना जाता है कि इस फ़िल्म की कहानी अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना और राखी अभिनीत ‘मुकद्दर का सिकंदर’ से प्रेरित थी।

7. डकैत / Dacait (1987)

शैली– एक्शन-ड्रामा निर्देशक– राहुल रवैल

मुख्य कलाकार– सनी देओल, मीनाक्षी, राखी, सुरेश ओबेरॉय, रज़ा मुराद आदि।

विशेष नोट- शहर का पढ़ा-लिखा और शांतिप्रिय अर्जुन (सनी देओल), अपने भाई अमृत (सुरेश ओबेरॉय), अपनी मां (राखी) और बहन के साथ गांव में रहता है। गांव के दबंग ठाकुर भंवर सिंह (रज़ा मुराद) के आदेश पर उसकी भाई को मारा जाता है, उसकी बहन शांता का बलात्कार किया जाता है और गाँव के सामने उसे भी पीटा जाता है, एक पेड़ से बांध दिया जाता है और मृत अवस्था में छोड़ दिया जाता है। डाकुओं के साथ सहानुभूति रखने वाले कुछ ग्रामीण उसे बचाते हैं। वहाँ उसकी मुलाकात उन डाकुओं से होती है जो उसके बचपन के दोस्त थे, जो ठाकुर और उसके आदमियों द्वारा उन पर किए गए कष्टों के कारण डाकू बन गए। अर्जुन के पास अब एक विकल्प है, या तो भ्रष्ट पुलिस पर भरोसा करते रहो; या डाकुओं के गिरोह में शामिल हों और अपनी बहन और भाई की मौत का बदला ले। यहाँ अर्जुन डकैत बनने का फैसला करता है। अर्जुन के डकैत बनने के इस सफर में अर्जुन की प्रेमिका जावली (मीनाक्षी) भी साथ देती है। इस फ़िल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बहुत अच्छा है जो राहुल देव बर्मन द्वारा रचित हैं।

6. अर्जुन / Arjun (1985)

शैली– एक्शन-क्राइम-ड्रामा निर्देशक- राहुल रवैल

मुख्य कलाकार– सनी देओल, डिम्पल कपाड़िया, राज किरन, अनुपम खेर, सत्यजीत पुरी, सुप्रिया पाठक आदि।
विशेष नोट- इस फिल्म ने सनी देओल को एक टॉप एक्शन स्टार के रूप में स्थापित किया। कहानी के अनुसार अर्जुन (सनी) के पिता एक साधारण व्यक्ति हैं जो बिना किसी समस्या का सामना किए एक गरीब व्यक्ति का जीवन जी रहे हैं। उसकी पत्नी शशि कला जो उसकी दूसरी पत्नी है जो अर्जुन को तुच्छ समझती है और उसे बेरोजगार और बेकार होने के लिए लगातार ताना मारती है। अर्जुन अनजाने में स्थानीय गैंगस्टरों के साथ उलझ जाता है जो स्थानीय सांसद से जुड़े होते हैं और उसके बाद से एक प्रतिद्वंद्वी राजनेता के साथ मिलकर भ्रष्ट स्थानीय सांसद का पर्दाफाश करते हैं। हालांकि, जल्द ही राजनीति की धुंधली दुनिया का सच सामने आता तो अर्जुन को पता चलता है कि उसे राजनेताओं द्वारा अपने स्वार्थ के लिए मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ‘सुपरहिट’ रही। फिल्म को बाद में तमिल में ‘सत्या’ के रूप में, तेलुगु में ‘भारतमलो अर्जुनुडु’ के रूप में और कन्नड़ में ‘संग्रामा’ के रूप में रीमेक किया गया। अब इस फिल्म के अधिकार शाहरुख ख़ान की रेड चिलीज एंटरटेनमेंट के पास हैं।

5. घातक / Ghatak (1996)

शैली- एक्शन-क्राइम-ड्रामा निर्देशक- राजकुमार संतोषी

मुख्य कलाकार– सनी देओल, मीनाक्षी, अमरीश पुरी, डैनी डेन्जोंगपा, ओम पुरी आदि

विशेष नोट-  यह सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं है, बल्कि एक महान पिता-पुत्र के बंधन को दर्शाती एक भावनात्मक फ़िल्म भी है। फिल्म पांच साल में बनी लेकिन पूरी तरह से इंतजार के लायक रही। कहानी के अनुसार काशी (सनी देओल) वाराणसी में पहलवान है। वह अपने स्वतंत्रता सेनानी पिता (अमरीश पुरी) के गले का इलाज कराने के लिए मुंबई आता है। शहर में कात्या नामक (डैनी) का आतंक है। कात्या और उसके छह भाई उस इलाके के लोगों के जीवन को पूरी तरह से नियंत्रित करके रखते हैं। काशी यह देखता है तो विरोध करता है। इसी विरोध के दौरान जब कात्या, काशी के पिता को अपमानित करता है और उसके सौतेले भाई को मार देता है, तो काशी, कात्या और उसके छह भाइयों के खिलाफ एक-एक करके भीषण तरीकों से युद्ध करता है और अंत में कात्या के आतंक से छुटकारा दिलाता है। सनी की लड़ाई देख लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लड़ाई के पिंजरे के दृश्य अब भी यू-ट्यूब पर हिट हैं। इस फिल्म की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि करीब 4 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 40 करोड़ का शानदार कारोबार किया था। यह मीनाक्षी शेषाद्रि की अंतिम फिल्म साबित हुई। फिल्म का “आपथुडु” नाम से तेलुगु में रीमेक भी बना जिसमें अभिनेता राजशेखर ने मुख्य भूमिका की थी।

4. दामिनी / Damini (1993)

शैली– क्राइम-ड्रामा  निर्देशक- राजकुमार संतोषी

मुख्य कलाकार– मीनाक्षी शेषाद्रि, ऋषि कपूर, सनी देओल, अमरीश पुरी, कुलभूषण खरबन्दा, टीनू आनन्द।

विशेष नोट- फिल्म मीनाक्षी शेषाद्रि के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो एक साधारण गृहिणी की भूमिका निभाती है और कहीं न कहीं अपने अमीर और शक्तिशाली ससुराल वालों के खिलाफ उठने का साहस पाती है जब उसके ससुराल वाले घर में हुए बलात्कार को कवर करने की कोशिश करते हैं। इसे बॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ महिला प्रधान फिल्मों में से एक माना जाता है। यह फ़िल्म सनी देओल के एक शराबी वकील के शानदार अभिनय के लिए यादगार है और इस भूमिका ने उन्हें फिल्मफेयर के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिलाया। इससे उनकी मर्दाना छवि मजबूत हुई। बॉलीवुड इतिहास के सबसे प्रसिद्ध संवादों में शामिल ‘तारीख पे तारीख’ और ‘ढाई किलो का हाथ’ आज भी फ़िल्म को बार बार देखने की ताकत रखते हैं। इस फिल्म के अधिकार अब रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के स्वामित्व में हैं। इस फ़िल्म में आमिर ख़ान का भी गेस्ट अपीरियंस है।

3. ग़दर: एक प्रेम कथा / Gadar: Ek Prem Katha (2001)

शैली– एक्शन-ड्रामा-रोमांस  निर्देशक- अनिल शर्मा

मुख्य कलाकार– सनी देओल, अमीशा पटेल, अमरीश पुरी, लिलेट दुबे, विवेक शौक, उत्कर्ष शर्मा आदि।

विशेष नोट- ऐसा माना जाता है कि शोले के बाद, गदर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली भारतीय फिल्म है। यह भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय की एक प्रेम कहानी है। सकीना (अमीषा पटेल) को विभाजन के बाद हुए दंगों के दौरान सीमा के भारतीय हिस्से में छोड़ दिया जाता है और ट्रक चालक तारा सिंह (सनी देओल) उसे बचाता है। परिस्थिति वश उन दोनों की शादी हो जाती है और उनका एक बेटा भी है। कई वर्षों के बाद, सकीना को एक अखबार के माध्यम से पता चलता है कि उसके पिता जीवित हैं और पाकिस्तान में एक प्रमुख राजनेता (अमरीश पुरी) बन गए हैं। जब वह उससे मिलने जाती है, तो उसका परिवार राजनीतिक लाभ के लिए उसका इस्तेमाल करता है और उसे भारत में अपने पति और बेटे के पास वापस जाने की अनुमति भी नहीं देता है। तारा सिंह कैसे पाकिस्तान आता है और अपनी पत्नी को बचाने के लिए अकेले ही पूरी पाक सेना से कैसे लड़ता है, यही इस हिंसक प्रेम कहानी की कथावस्तु है जिसे दर्शकों ने खूब सारा प्यार दिया। 15 करोड़ की लागत से बनी इस फ़िल्म ने उस समय लगभग 80 करोड़ का बिजनेस किया था। गदर बॉलीवुड की ऑलटाइम ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों में शामिल है। फ़िल्म में उत्तम सिंह का संगीत और आनन्द बक्शी के लिखे गीत भी बहुत ही शानदार और कर्णप्रिय हैं।

2. बॉर्डर / Border (1997)

शैली– एक्शन-ड्रामा-हिस्ट्री  निर्देशक- जे.पी. दत्ता

मुख्य कलाकार- सनी देओल, राखी, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना, जैकी श्रॉफ़, पूजा भट्ट, तब्बू, कुलभूषण खरबन्दा, पुनीत इस्सर आदि

विशेष नोट- बॉर्डर जनता के बीच देशभक्ति और गर्व की भावनाओं को जगाने वाली फ़िल्म है। इस फिल्म की कहानी एक सत्य घटना से प्रेरित है। फिल्म की कहानी 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान की लड़ाई से प्रेरित है जहाँ राजस्थान के लाँग्वला पोस्ट पर 120 भारतीय जवान सारी रात पाकिस्तान की टाँक रेजिमेण्ट का सामना करते हैं। सनी ने फिल्म में मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी की भूमिका निभाई थी। सनी इस फिल्म की आत्मा हैं। धर्मवीर भान (अक्षय खन्ना) और उसके पांच सैनिकों को एक सेक्शन में सीमा पर रात को गश्त के लिए भेजा जाता है; बीएसएफ के सहायक कमांडेंट भैरों सिंह (सुनील शेट्टी) और उनके लोगों को आस-पास के गांवों को खाली करने के लिए सौंपा गया है। धर्मवीर ने पाकिस्तानी टैंक और भारत में सीमा पार करने वाली पैदल सेना से लोहा लेते हैं। धर्मवीर भान, मेजर कुलदीप सिंह को दुश्मन की हरकत की रिपोर्ट करता है तो उसे गुप्त रूप से टैंकों को उलझाए बिना पीछा करने का आदेश दिया जाता है। विंग कमांडर एंडी बाजवा (जैकी श्रॉफ), मेजर कुलदीप से कहते हैं कि अभी कोई हवाई हमला नहीं हो सकता, क्योंकि उनके बेस में केवल हंटर-फाइटर्स हैं, जो केवल दिन में ही उड़ सकते हैं। कुलदीप और उनके बहुत अधिक संख्या में लोग अपनी जिंदगी की अंतिम सांस तक अपने पद की रक्षा करने का फैसला करते हैं। सर्वोच्च कोटि की वीरता का प्रदर्शन करते हुए, वे रात भर दुश्मन से भिड़ते रहते हैं, यहाँ तक कि हथगोले तैनात करके टैंकों को उड़ाते हैं और जब बाजवा और उसके लड़के दुश्मन को खत्म करने के लिए उड़ान भरते हैं तब हिन्दुस्तान की जीत सुनिश्चित करते हैं। फ़िल्म के संगीतकार अनु मलिक हैं तथा गीतकार जावेद अख्तर हैं। संगीत अधिकार वीनस रिकार्ड्स के पास हैं। बॉर्डर ने 3 नेशनल अवार्ड, 4 फ़िल्मफेयर अवार्ड समेत अन्य कई अवार्ड अपने नाम किये। बॉर्डर को आज भी उसके हाइलाइट्स, युद्ध-विरोधी संदेश, युद्ध के दृश्यों के लिए याद किया जाता है। इसे अभी भी 1990 के दशक की शीर्ष 5 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में गिना जाता है।

1. घायल / Ghayal (1990)

शैली– एक्शन-क्राइम-ड्रामा निर्देशक- राजकुमार संतोषी

मुख्य कलाकार– सनी देओल, मीनाक्षी शेषाद्रि, अमरीश पुरी, राज बब्बर, मौसमी चटर्जी, ओम पुरी, कुलभूषण खरबन्दा आदि।

विशेष नोट- फ़िल्म की कहानी के अनुसार अजय मेहरा (सनी देओल) अपने भाई अशोक मेहरा (राज बब्बर) और भाभी इंदु (मौसमी चटर्जी) के साथ रहने वाला एक मुक्केबाज है। अशोक का एक संदिग्ध व्यापारी बलवंत राय (अमरीश पुरी) के साथ व्यवहार है, जो एक मास्टर अपराधी निकलता है। जब अशोक ने पुलिस को सब कुछ बताने की धमकी दी, तो बलवंत राय उसे मरवा देता है। पुलिस अजय पर अपने भाई की हत्या करने और अपनी भाभी के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगाती है तो भाभी दु:ख से आत्महत्या कर लेती है। अजय को जेल भेज दिया जाता है, लेकिन बाद में वह इससे बाहर निकल जाता है और बलवंत राय की पूरी सत्ता को नष्ट करके अपना बदला लेता है। अंत में, वह पुलिस के सामने बलवंत राय को मारता है। यह फिल्म एक बड़ी ब्लॉकबस्टर थी और सनी देओल के अभिनय के साथ-साथ उनकी स्क्रीन उपस्थिति को भी काफी सराहा गया। फिल्म घायल के समकक्ष में आमिर ख़ान की फिल्म ‘दिल’ भी टक्टर में रही, लेकिन घायल बाॅक्स-ऑफिस में अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन से ‘ब्लॉकबस्टर’ साबित हुई तथा वर्ष 1990 के बाॅलीवुड सिनेमा की सबसे ज्यादा वित्तीय लाभ देने में दूसरे स्थान पर रही। सनी देओल को विशेष ज्युरी अवार्ड के तौर पर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का नेशनल अवार्ड मिला। इस फ़िल्म को तमिल, तेलुगु और कन्नड़ में भी रीमेक किया गया।

सनी देओल की अन्य महत्वपूर्ण फ़िल्में

डर, विश्वात्मा, चालबाज़, राम-अवतार, सवेरे वाली गाड़ी, सोहणी महिवाल, ज़िद्दी, इंडियन, द हीरो, सलाखें, यतीम, आग का गोला, नरसिम्हा, अपने, यमला पगला दीवाना। {अपडेट दिनांक:- 14 जून 2021}

संपर्क | अस्वीकरण | गोपनीयता नीति | © सर्वाधिकार सुरक्षित 2019 | BollywoodKhazana.in