29/04/2024

बॉलीवुड की टॉप-10 सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्में

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वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान हम सब अपने घरों में बंद रहे हैं और ऐसे में लोग ज्यादातर मूवीज देखना पसंद करते हैं। सस्पेंस थ्रिलर मूवीज की बात की जाए तो इन मूवीज में ऑडियंस को शुरुआत में ऐसा लगता है कि, ‘मुझे पता था आगे यही होने वाला है। सस्पेंस थ्रिलर फिल्म में ऐसा ही होता है जो सबसे ज्यादा शरीफ दिखता है विलेन वही होता है।’ लेकिन यह अनुमान अक्सर हमारा गलत हो जाता है और एक अलग ही थ्रिलर मूवी के अंत में हमारे सामने आता है। आइए, देखते हैं इस लेख में साल 2000 के बाद रिलीज हुई कुछ ऐसी ही बॉलीवुड सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों के बारे में।

बॉलीवुड की टॉप-10 सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्में / Top 1o Suspense Thriller Films of Bollywood

10. जॉनी गद्दार / Johnny Gaddaar (2007)

निर्देशक/लेखक- श्रीराम राघवन

मुख्य कलाकार– धर्मेन्द्र, नील नितिन मुकेश, रिमि सेन, विनय पाठक, ज़ाकिर हुसैन, अश्विनी कलेस्कर, गोविन्द नामदेव, दयानन्द शेट्टी, रसिका जोशी आदि

विशेष नोट: जॉनी गद्दार 5 ऐसे लोगों की कहानी है जो गैर कानूनी काम करते हैं। सब एक दूसरे को धोखा देने की फिराक में रहते हैं। फ़िल्म की कहानी में दर्शक से कोई बात छिपायी नहीं गयी है दर्शकों को पता होता है गद्दारी कौन कर रहा है फिर भी दर्शक फ़िल्म को अंत तक देखने के लिए बेकरार रहता है। यही इस फ़िल्म का जादू है। ये एक अनोखी टाइप की फ़िल्म है जिसमें न कॉमेडी है और न नाच गाना, लेकिन बोर नहीं करती। महान गायक मुकेश के पौत्र नील नितिन मुकेश की यह डेब्यू फ़िल्म है।

9. बदला / Badla (2019)

निर्देशक– सुजॉय घोष लेखक– सुजॉय घोष, राज बसंत

मुख्य कलाकार– अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, अमृता सिंह, टोनी ल्यूक, मानव कौल, तनवीर ग़नी, एंटोनियो अकील, डेंजिल स्मिथ आदि

विशेष नोट: 2019 में रिलीज़ हुई सुजॉय घोष द्वारा निर्देशित इस फिल्‍म को रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट द्वारा अज्‍यूर एंटरटेनमेंट के साथ मिलकर प्रस्तुत किया गया है, जिसे गौरी खान, सुनीर खेतरपाल और अक्षय पुरी द्वारा निर्मित किया गया है। यह फिल्‍म स्‍पैनिश फिल्‍म द इनविजिबल गेस्‍ट से प्रेरित है जिसे कुछ बदलाव के साथ हिंदी में बनाया गया है। आपको इस मूवी में ज्यादा कुछ कॉमेडी नहीं मिलेगी लेकिन इस मूवी में थ्रिलर भरपूर है। मूवी में एक लड़की मर्डर केस में फंस जाती है जिसके बाद एक वकील उसे उस सिचुएशन से निकलता है।

8. बेबी / Baby (2015)

लेखक/निर्देशक- नीरज पांडे

मुख्य कलाकार– अक्षय कुमार, राणा दग्गुबटी, डैनी, तापसी पन्नू, के. के. मेनन, सुशान्त सिंह, मधुरिमा तुली, मुरली शर्मा, अनुपम खेर आदि

विशेष नोट- यह अक्षय कुमार और नीरज पांडे दोनों की सबसे अंडर रेटेड मूवी है जिसे आलोचकों की सराहना तो मिली लेकिन दर्शकों का प्यार नहीं। अक्षय कुमार के दमदार अभिनय, चुस्त पटकथा, जबरदस्त थ्रिल और बेहतरीन डायरेक्शन से सजी इस फ़िल्म को पाकिस्तान में बैन किया गया था। ‘बेबी’ एक गुप्त एजेंटों की इकाई है जो कि भारत सरकार के लिए काम करती है। फ़िरोज़ ख़ान (डैनी) इस इकाई की अगुआई करते हैं। अजय सिंह राजपूत (अक्षय कुमार) एक गुप्त सुरक्षा इकाई के दल में सर्वश्रेष्ठ अधिकारी है। जय सिंह (राणा दग्गूबटी), प्रिया सूर्यवंशी (तापसी पन्नू) एवं शुक्ला (अनुपम खेर) दल के साथी हैं। इनका काम देश के आतंकवादियों को ख़त्म करना है। फ़िल्म बेबी को बॉक्स ऑफ़िस पर औसत सफलता ही मिल पायी थी।

7. अगली / Ugly (2013)

लेखक/निर्देशक- अनुराग कश्यप

मुख्य कलाकार– राहुल भट्ट, रॉनित रॉय, गिरिश कुलकर्णी, सिद्धांत कपूर, तेजस्वनी कोल्हापुरे, विनीत सिंह, सुरवीन चावला, अबीर गोस्वामी आदि

विशेष नोट: फिल्म में एक इंसान के अंदर छिपी बुराई को दर्शाया गया है जो उसे विलेन बनाती है। फिल्म की कहानी एक स्ट्रगलिंग एक्टर और उसकी अगवा हुई बेटी के आसपास घू‍मती है। अगवा बेटी की खोज पूरी फिल्म में चलती रहती है।” लड़की के पिता के किरदार में राहुल भट्ट और मां का किरदार निभाया है तेजस्वनी कोल्हापुरे ने और इंस्पेक्टर के रोल में रॉनित राय। शुरुआत में यह फ़िल्म बेहद साधारण लगेगी लेकिन जैसे जैसे कहानी आगे बढती है फ़िल्म में रोमांच बढ़ता जाता है।

6. स्पेशल 26 / Special 26 (2013)

लेखक/निर्देशक- नीरज पांडे

मुख्य कलाकार– अक्षय कुमार, अनुपम खेर, मनोज बाजपेयी, काजल अग्रवाल, जिम्मी शेरगिल, दिव्या दत्ता, राजेश शर्मा, किशोर कदम, खराज मुखर्जी आदि

विशेष नोट: यह फिल्म 1980 के दशक में फर्जी सीबीआई और इनकम टैक्स ऑफीसरों की लूट पर आधारित है। जिसका नाम है “स्पेशल 26” यह मूवी नकली और असली के बीच के द्वंद को दर्शाती है। स्पेशल 26 में अक्षय कुमार, काजल अग्रवाल, मनोज बाजपेयी, अनुपम खेर, जिमी शेरगिल, राजेश शर्मा, मुकेश भट्ट, दिव्या दत्ता, दीप राज, नीरू बाजवा, टीकू तलसानिया ने किरदार निभाए है। इस मूवी को ऑडियंस द्वारा भी काफी पसंद किया गया है।

5. कहानी / Kahaani (2012)

निर्देशक- सुजॉय घोष लेखक- सुजॉय घोष, अद्वैत काला

मुख्य कलाकार– विद्या बालन, नवाज़ुद्दीन सिद्दिक़ी, परमब्रत चटर्जी, इंद्रनील सेनगुप्ता, सास्वत चटर्जी, दर्शन जरीवाला, अबीर चटर्जी आदि

विशेष नोट: फ़िल्म में विद्या बालन ने विद्या बागची नामक एक गर्भवती महिला की भूमिका निभाई है, जो दुर्गा पूजा के त्योहार के दौरान कोलकाता में अपने लापता पति की तलाश करती है, और इस काम में सत्यकि “राणा” सिन्हा (परमब्रत चटर्जी) और ए खान (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) उसकी सहायता प्रदान करते हैं। इस फिल्म में आपको कई तरह के मोड़ नजर आते दिखेंगे। मूवी का दूसरा पार्ट भी आया है। “कहानी 2” में भी विद्या बालन ने अहम भूमिका निभाई है।

4. तलवार / Talvar (2015)

निर्देशक- मेघना गुलज़ार लेखक- विशाल भारद्वाज

मुख्य कलाकार– इरफ़ान ख़ान, कोंकणा सेन शर्मा, नीरज काबी, सोहम शाह, आयशा परवीन, गजराज राव, समित गुलाटी आदि

विशेष नोट: यह फ़िल्म 2008 में पूरे देश को चौंका देने वाले नोएडा के आरुषि हत्याकांड की जांच प्रक्रिया का एक किस्म से तथ्यात्मक सिनेमाई विवरण है। आप देखते हैं कि पुलिस किस तरह संवेदनहीन और लापरवाह होकर जांच करती है। अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए कैसे मन से ‘अपराध के सिद्धांत’ गढ़ लेते हैं। फिल्म में एक जांच अधिकारी अपने साथियों से कहता है कि उन्हें काम करते हुए भावनाओं में नहीं बहना चाहिए और तटस्थ होकर कर्म करना चाहिए। फिल्म उन संजीदा दर्शकों के लिए है, जिनकी दिलचस्पी यह जानने में है कि आखिर हमारी पुलिस तथा जांच एजेंसियां कैसे काम करती हैं।

3. ए वेडनेसडे / A Wednesday! (2016)

लेखक/निर्देशक- नीरज पांडे

मुख्य कलाकार– नसीरुद्दीन शाह, अनुपम खेर, जिम्मी शेरगिल, दीपल शॉ, आमिर बशीर, आलोक नरुला, रोहिताश्व गौड़, वीरेन्द्र सक्सेना आदि

विशेष नोट- लेखक-निर्देशक नीरज पांडे की यह पहली फ़िल्म है। ‘ए वेडनेसडे’ कहानी है एक बुधवार को मुंबई में दोपहर 2 से 6 बजे के बीच होने वाली घटनाओं की। ऐसी घटनाएँ जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। मुंबई पुलिस कमिश्नर प्रकाश राठौर (अनुपम खेर) को फोन आता है कि वे चार व्यक्तियों को छोड़ दे वरना मुंबई के कई स्थानों पर उसने बम लगा रखे हैं और उनके जरिए वो विस्फोट कर देगा। प्रकाश पहले इसे मजाक समझते हैं, लेकिन फिर उन्हें शक होता है। एक बम पुलिस स्टेशन के सामने स्थित पुलिस हेडक्वार्टर पर प्रकाश को मिलता है। प्रकाश उन लोगों में से नहीं है जो आसानी से हार मान लेते हैं। वे अपने श्रेष्ठ साथियों की टीम बनाते हैं और सारे संसाधनों का उपयोग करने का निश्चय करते हैं। फिल्म में दो शानदार अभिनेताओं को साथ देखना एक आनंददायक अनुभव है। नसीरुद्दीन शाह ने पहले भी कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया है। डेढ़ घंटे की इस फिल्म में न कोई गाना है, न कोई मसाला है और न ही फालतू दृश्य।

2. दृश्यम / Drishyam (2015)

निर्देशक- निशिकान्त कामत लेखक- जीतू जोसेफ़, उपेन्द्र सिधये

मुख्य कलाकार– अजय देवगन, तब्बू, श्रेया सरन, इशिता दत्ता, कमलेश सावंत, रजत कपूर, रिषभ चड्डा, मृणाल जाधव आदि

विशेष नोट- अजय देवगन ने इसमें विजय सलगांवकर नाम के एक शख्स की भूमिका निभाई है जो गोवा के एक गांव में रहता है और केबल टीवी का धंधा करता है। विजय बहुत कम पढ़ा लिखा है और फिल्में देखने का शौकीन है। उसका एक छोटा सा परिवार है- पत्नी और दो बच्चियां। एक चौथी फेल इंसान किस तरह अपने परिवार को बचाने के लिए अपनी स्मार्टनेस दिखाता है, यह फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष है जो ड्रामे में रोमांच पैदा करता है। दृश्यम की कहानी की विशेषता यह है कि किसी बात को दर्शकों से छिपाया नहीं गया है। अपराधी सामने है और पुलिस उस तक कैसे पहुंचती है इसको लेकर रोमांच पैदा किया गया है। साथ ही व्यक्ति अपने परिवार को किसी भी मुसीबत से बचाने के लिए किस हद तक जा सकता है इस बात को भी कहानी में प्रमुखता दी गई है। ये एक अपराध कथा है लेकिन अजय देवगन ने अपना कोई `ढिशुंग ढिशुंग’ वाला अदाज नहीं दिखाया है। उन्होंने एक शांत और घरेलू पिता और पति की भूमिका निभाई है। हिन्दी में बनने से पहले ‘दृश्यम’ मलयालम में बनी और उसके बाद तमिल, तेलगु और कन्नड़ में। सभी भाषाओं में ये सफल रही है।

1. अंधाधुन / Andhadhun (2018)

निर्देशक- श्रीराम राघवन लेखक- श्रीराम राघवन, हेमन्त एम राव, पूजा सूर्ती, अर्जित विश्वास, योगेश चंदेकर

मुख्य कलाकार– आयुष्मान खुराना, तब्बू, राधिका आप्टे, अनिल धवन, ज़ाकिर हुसैन, अश्वनी कलेस्कर, मानव विज आदि

विशेष नोट- एक नेत्रहीन पियानिस्ट के रूप में आयुष्मान ने बेहतरीन अभिनय किया है। यह फिल्म 2010 में आई ऑलिवर ट्रीनर की फ्रेंच शॉर्ट फिल्म ‘लैकोकरों’ से प्रेरित है। पूरी फिल्म आपको कहानी से बांधे रखती है और आप का दिमाग फिल्म में डूबा रहता है। फिल्म का स्क्रीनप्ले बेहतरीन है और कहानी के ट्विस्ट इसे दर्शकों के लिए रोमांचक बना देते हैं। क्लाइमेक्स से पहले प्री क्लाइमेक्स उससे पहले एंटी क्लाइमेक्स, पता ही नहीं चलता कि ट्विस्ट एंड टर्न का ऊँट किस करवट बैठेगा। फिल्म आपके साथ खेलती है फिल्म में नाच गाना आइटम डांस वगैरह नहीं है। फिल्म का अंत अगर आपको अधूरा लगे तो समझ लीजिए, जैसा कि राधिका कहती है “कुछ चीजें इसलिए पूरी हैं क्योंकि वो अधूरी हैं, उसमें उंगली मत करना”। फिल्म ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। 66वां सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्‍म का राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार अपने नाम किया है। साथ ही आयुष्मान खुराना को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (संयुक्त) का नेशनल अवार्ड मिला।

11-15 रहस्य, गेम ओवर, पांच, एनएच-10, कौन?।

विशेष उल्लेख
डिटेक्टिव व्योमकेश बक्शी, रमन राघव 2.0, फोबिया, मनोरमा, रात अकेली है, तलाश (2012), समय, 13 बी, 404: एरर नॉट फ़ाउंड, कार्तिक कॉलिंग कार्तिक, एक हसीना थी, आंखें (2002), मॉम, इत्तफ़ाक़, भूल भूलैया, वज़ीर, बदलापुर, आमिर, तीन, नो स्मोकिंग, टेबिल नं. 21 {अपडेट दिनांक:- 25 दिसंबर 2021}

विशेष नोट:- यह सूची/रेटिंग इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों एवं बॉलीवुड ख़ज़ाना टीम के गहन विश्लेषण के बाद तैयार की गयी है। यहाँ पर आधुनिक बॉलीवुड की 21वीं शताब्दी में रिलीज़ अर्थात वर्ष 2000 से रिलीज फ़िल्मों को ही लिया गया है। इस सूची में शामिल फ़िल्म का बॉक्स ऑफ़िस पर हिट होना आवश्यक नहीं है। समय और दर्शकों की पसंद के अनुसार यह सूची अपडेट होती रहती है।

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