यह फिल्म एक ऐसे बच्चे की कहानी है, जो डिस्लेक्सिया का शिकार है। उसके माता-पिता उसे समझने की बजाय उस पर दबाव डालते हैं। बाद में ईशान को पढ़ाने की जिम्मेदारी राम शंकर (आमिर खान) उठाता है। फिल्म ‘तारे जमीन पर’ में दर्शील सफारी ने एक ऐसे बच्चे की भूमिका में दिखे, जिसे पढ़ने लिखने में परेशानी थी। इसके बाद उसके माता-पिता उसे बोर्डिंग स्कूल भेज देते हैं। यहां उसकी मुलाकात एस ऐसे टीचर होती है, जो बिना कुछ बोले उसकी सबसे बड़ी परेशानी को समझ जाता है। फिल्म में आमिर खान एक ऐसे अध्यापक के किरदार में हैं, जिसकी जरूरत हर बच्चे को होती है। अच्छा शिक्षक कैसे जिंदगी की दिशा बदल सकता है और बच्चों को सही तरह से समझना कितना जरूरी है, यह फिल्म ‘तारे जमीन पर’ में दिखाया गया था। आमिर खान और अमोल गुप्ते निर्देशित ये फिल्म 21 दिसम्बर 2007 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में यह दर्शाया गया है कि गुरु का काम न केवल शिष्य को ज्ञान देना है बल्कि एक मित्र बनकर उसका सहयोग करना भी है। आमिर खान ने अपनी इस फिल्म में शिक्षक का किरदार बखूबी निभाया है जिसे भुलाया नहीं जा सकता।
ब्लैक (2005)
2005 में रिलीज ये फिल्म हेलन केलर (रानी मुखर्जी) और उनके शिक्षक (अमिताभ बच्चन) के जीवन पर आधारित है। ब्लैक एक ऐसी फिल्म है जिसने न केवल कहानी बल्कि अभिनय से भारतीय सिनेमा पर अपनी छाप छोड़ी है। संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने शिक्षक और रानी मुखर्जी ने एक अंधी और गूंगी लड़की (शिष्य) का किरदार निभाया है और अमिताभ बच्चन ने उस विकलांग लड़की को उसकी इन सब कमियों से ऊपर उठकर जीना सिखाया है। इस फिल्म ने सिर्फ लोगों का दिल ही नहीं जीते, बल्कि 11 से अधिक फिल्मफेयर अवार्ड्स के अलावा 1 नेशनल अवार्ड भी अपने नाम किया।
हिचकी
रानी मुखर्जी ने इस फिल्म में टोरेट सिंड्रोम से पीड़ित शिक्षिका का अभिनय किया है जिसमें उनके अपने छात्र उनकी इस बीमारी का मजाक उडा़ते रहते है लेकिन फिर भी वो रोज उन्हें पढ़ाने और सिखाने के नए-नए तरीके लेकर आती रहती हैं। इन सब बातों के बाद भी उन्होंने अपने शिष्यों का साथ कभी नहीं छोड़ा। ‘हिचकी’ 23 मार्च 2018 को रिलीज हुई थी। सिद्धार्थ मल्होत्रा निर्देशित यह फिल्म ऐसी शिक्षिका पर थी जो हकलाती थी लेकिन वह अपने पैशन के दम पर प्रतिभाशाली बच्चों को नई जिंदगी देती है। यह एक तरह से मोटिवेशनल मूवी है, जो सिखाती है कि अपनी कमजोरियों को कैसे ताकत बनाया जा सकता है। फिल्म में बेहद खूबसूरती के साथ गुरु शिष्य के रिश्ते को दिखाने की कोशिश की गई है।
इकबाल
निर्देशक नागेश कुकुनूर की फिल्म ‘इकबाल’ (2005) शिक्षक-छात्र के रिश्ते को छूते हुए बनाई गई थी। यह एक भारतीय गांव के एक बहरे लड़के यानी श्रेयस तलपड़े की कहानी थी, जो राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने की इच्छा रखता है। इस फिल्म में नशीरुद्दीन शाह ने उसके कोच की भूमिका निभाई है। इस फिल्म को दर्शकों द्वारा बहुत पसंद किया गया है क्योंकि फिल्म में शिक्षक (नसीरुद्दीन शाह) ने एक गूंगे और बहरे लड़के को भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने के लिए प्रेरित किया और उसका सपना साकार करने में मदद की।सुपर 30
12 जुलाई 2019 को विकास बहल फिल्म ‘सुपर 30’ लेकर आए थे। यह फिल्म बिहार के अध्यापक आनंद कुमार की बायोग्राफी थी और इसमें ऋतिक रोशन ने टीचर की भूमिका निभाई थी। फिल्म में बखूबी शिक्षा का महत्व दिखाया गया था। साथ ही बताया गया था कि मेहनत के दम पर प्रतिभा को कहीं से भी निखारा जा सकता है। ऋतिक रोशन की फिल्म ‘सुपर 30’ टीचर और स्टूडेंट्स के रिश्ते पर बनी बेहतरीन फिल्म है। इस फिल्म में ऋतिक ने एक ऐसे शिक्षक की भूमिका निभाई है, जो उन गरीब बच्चों को आईआईटी की मुफ्त कोचिंग देते हैं, जो बच्चे आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से कोचिंग नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन पढ़ने में अच्छे हैं।
चक दे इंडिया
शिक्षक जिंदगी की हर स्टेज पर अहम भूमिका निभाते हैं. ना सिर्फ स्कूल में बल्कि जिंदगी में हर स्तर पर हमें अलग अलग शिक्षक मिलते हैं, जो हमें लड़ना सिखाते हैं. ऐसी ही एक फिल्म आई थी ‘चक दे इंडिया’। शाहरुख खान की मुख्य भूमिका वाली ये फिल्म 10 अगस्त 2007 को रिलीज हुई थी और इसे शिमित अमीन ने निर्देशित किया था। फिल्म में कोच बिखरी हुई महिला हॉकी टीम को संवारकर उसे विश्व चैम्पियन बनाता है। यह फिल्म हर खिलाड़ी को प्रेरित करती है।
पाठशाला
पाठशाला (2010) एक ऐसी फिल्म है, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाती है। पाठशाला आज की शिक्षा प्रणाली की पवित्रता से जुड़े ऐसे ही कई सवालों के जवाब देने की कोशिश करती है। शाहिद कपूर, नाना पाटेकर और आएशा टाकिया की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘पाठशाला’ टीचर स्टूडेंट रिलेशन पर बनी है। फिल्म में जब शाहिद को पता चलता है कि स्कूल मैनेजमेंट बच्चों की बजाय पैसा कमाने पर ज्यादा जोर दे रहा है तो वह अव्यवस्थाओं के खिलाफ लड़ता है।