फ़िल्म समीक्षा: फाइटर
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सिद्धार्थ आनंद ने हाल के वर्षों की दो सबसे आकर्षक एक्शन फिल्मों वॉर (2019) और पठान (2023) का निर्देशन किया। ‘दुनिया में मिल जाएंगे आशिक कईं, पर वतन से हसीन सनम नहीं होता। हीरों में सिमटकर, सोने से लिपटकर मरते होंगे कईं, तिरंगे से हसीन कफन नहीं होता…’ फिल्म की शुरुआत में रितिक अपने साथी फाइटर पायलट्स को यह शेर सुनाकर अपने इरादे जाहिर कर देते हैं। साल 2019 में हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद तमाम फिल्मों की घोषणा हुई, लेकिन कोविड-19 के कारण ज्यादातर प्रोजेक्ट परवान नहीं चढ़ पाए। पाकिस्तान के आतंकी कैंपों पर हुई इस एयर स्ट्राइक से प्रेरित फिल्म ‘फाइटर’ उस घटना के पांच साल बाद साल 2024 में रिलीज हुई है।
फाइटर की कहानी

फाइटर की समीक्षा
बीते साल सुपरहिट फिल्म ‘पठान’ और उससे पहले ‘वॉर’ बना चुके सिद्धार्थ आनंद ने एयरफोर्स की थीम पर एक ठीक ठाक फिल्म बनाई है। फिल्म की शुरुआत धीमी होती है। किरदार और कहानी का परिचय कराने में निर्देशक काफी वक्त लेते हैं लेकिन इंटरवल से पहले ही फिल्म स्पीड पकड़ लेती है। सेकंड हाफ में कहानी रोमांच के चरम पर पहुंच जाती है। फिल्म का क्लाईमैक्स भी जबरदस्त है। खासकर फिल्म में कई बार फाइटर प्लेन की फाइट के जबरदस्त एक्शन सीन आपको रोमांचित कर देते हैं। फिल्म की कहानी अच्छी है और सिद्धार्थ ने उसे खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है जबकि फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, वीएफएक्स और बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छे बन पड़े हैं। हालांकि कहीं-कहीं फिल्म का स्क्रीनप्ले जरूर कमजोर पड़ जाता है। फिल्म का संगीत भी कुछ खास नहीं है। कुछ गाने फिल्म की रफ्तार को धीमा करते हैं। एडिटिंग टेबल पर फिल्म की लंबाई को 15 मिनट कम किया जा सकता था।

सिद्धार्थ आनंद ने पठान को डायरेक्ट किया था और फाइटर में वह बतौर डायरेक्टर एक पायदान ऊपर आ गए हैं हालांकि कहानी थोड़ी कमजोर है और फिल्म कई मोर्चों पर खींची हुई लगती है लेकिन फिल्म में देशभक्ति का जज्बा पिरोना उन्हें बखूबी आता है फिर दीपिका और ऋतिक फिल्म को मजबूती से थामते हैं। सिद्धार्थ आनंद ने विजुअल्स और एक्शन के जरिये फिल्म को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। इस तरह सिद्धार्थ आनंद ने दर्शकों की नब्ज को समझा है। फाइटर में एक्टिंग के मोर्चे पर सभी सितारे अच्छे हैं। ऋतिक रोशन ने अपने किरदार को शानदार ढंग से निभाया है और वह जंचते भी हैं। दीपिका पादुकोण भी कमाल की लगती हैं, लेकिन रोमांटिक सीन हमें उनकी पुरानी फिल्मों की याद दिलाते हैं। अनिल कपूर और करण सिंह ग्रोवर ने ठीक-ठाक काम किया है। संगीत मजा नहीं देता है। बैकग्राउंड स्कोर भी बहुत ही औसत है लेकिन फिल्म में देशभक्ति का जज्बा है, शानदार विजुअल्स हैं और एरियल एक्शन है। इस तरह ऋतिक-दीपिका के फैन्स और देशभक्ति से जुड़ी फिल्मों के शौकीनों के लिए फाइटर परफेक्ट वॉच है, हालांकि फाइटर ऐसी फिल्म है जो मासेज के लिए नजर नहीं आती है सिवाय क्लाइमैक्स को छोड़कर।
देखें या न देखें
यदि आप ऋतिक और दीपिका के फैन हैं और आपको लड़ाकू जहाजों की आसमानी जंग रोमांचित करती है, तो इस फिल्म को 3डी में देखना चाहिए। एरियल वीएफएक्स के बिना फिल्म में कुछ भी खास नहीं। रेटिंग- 2.75*/5 ~गोविन्द परिहार (30.01.24)
