गुमराह / Gumrah (1963)
शैली- ड्रामा-रोमांस (2 घंटे 35 मिनट) रिलीज- 18 जनवरी, 1963
निर्माता/निर्देशक- बी. आर. चोपड़ा
कहानी- बीआर चोपड़ा प्रोडक्शन टीम संवाद- अख़्तर उल इमान
गीतकार- साहिर लुधियानवी संगीतकार- रवि
संपादन– प्राण मेहरा
मुख्य कलाकार
- अशोक कुमार– अशोक
- सुनील दत्त– राजेन्द्र
- माला सिन्हा– मीना
- निरूपा रॉय– कमला
- शशिकला– लीला
- देवेन वर्मा– प्यारे लाल
- नाना पलसीकर– मीना के पिता
कथावस्तु
एक विधवा औरत अपने दो बच्चों और एक बहन के साथ रहती है। उसकी बहन को एक लड़का पसंद आ जाता है। दोनों शादी कर लेते हैं। एक एक्सीडेंट में उस औरत की मौत हो जाती है। उसके दो बच्चे अकेले रह गए हैं। क्या उनकी मौसी उनकी परवरिश करेगी?
कहानी
मीना (माला सिन्हा) और कमला (निरूपा रॉय) दोनों एक अमीर पिता की दो बेटी हैं। कमला अपने पति, अशोक (अशोक कुमार) के साथ रहती है और वहीं मीना मुंबई में एक गायक-कलाकार राजेन्द्र (सुनील दत्त) से प्यार करती है। कमला जब नैनीताल में आती है तो उसे मीना के राजेंद्र के साथ चक्कर के बारे में पता चलता है और वो उसकी शादी कराने के बारे में सोचती है।
कमला उसकी शादी के लिए कुछ कर पाती, इससे पहले ही कमला की मौत हो जाती है। अब कमला के बच्चों के लिए सौतेली माँ लाने से उसके बच्चों को परेशानी होगी, इस डर की वजह से मीना, अशोक से शादी के लिए तैयार हो जाती है। सब कुछ ठीक चल रहा होता है कि एक दिन उसकी मुलाक़ात राजेन्द्र से दुबारा होती है। वो उसका पीछा करते हुए मुंबई आ जाता है और वे दोनों अकेले में मिलते हैं।
एक दिन मीना को लीला (शशिकला) पकड़ लेती है और वो अपने आप को राजेन्द्र की बीवी बताती है और उसे ब्लैकमेल करती है। अब मीना उन दोनों में से किसी एक को चुनने के लिए मजबूर हो जाती है।
गीत-संगीत
गुमराह फ़िल्म के सभी गीत साहिर लुधियानवी द्वारा लिखित हैं जिन्हें संगीतकार रवि ने अपनी धुनों से सजाया है।
- “ये हवा ये फिज़ा आ भी जा” (महेन्द्र कपूर) 3:17 मिनट
- “आजा आजा रे तुझको” (महेन्द्र कपूर, आशा भोंसले) 5:43 मिनट
- “आप आये तो ख्याल” (महेन्द्र कपूर) 5:27 मिनट
- “चलो एक बार फिर से” (महेन्द्र कपूर) 4:38 मिनट
- “एक परदेसी दूर से आया” (आशा भोंसले) 2:30 मिनट
- “एक थी लड़की मेरी सहेली” (आशा भोंसले) 3:26 मिनट
- “तुझको मेरा प्यार पुकारे” (महेन्द्र कपूर, आशा भोंसले) 3:30 मिनट
सम्मान एवं पुरस्कार
- 2 फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1964)
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार- शशिकला
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार- महेन्द्र कपूर (“चलो एक बार फिर से”)
रोचक तथ्य
- फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी। इसे मलयालम में विवाहिता (1970) के रूप में बनाया गया था।
- गुमराह का एक दिलचस्प और मजेदार किस्सा है। अभिनेता शम्मी कपूर को पहली बार बी. आर. चोपड़ा की फ़िल्म में काम करने का मौका मिला लेकिन उन्होंने मना कर दिया और इंकार करने का कारण बड़ा ही दिलचस्प था। दरअसल शम्मी कपूर को अशोक कुमार वाली भूमिका की पेशकश की गई थी। उन्होंने इसे गलत बताते हुए अस्वीकार कर दिया। उन्होंने खुले तौर पर कहा कि दर्शकों और मेरे फैन्स के लिए इस तथ्य पर विश्वास करना असंभव होगा कि नायिका माला सिन्हा, सुनील दत्त के लिए शम्मी कपूर जैसे अच्छे और हैंडसम दिखने वाले पति को धोखा देगी!!