मधुमती / Madhumati (1958)
शैली- पुनर्जन्म-रोमांस-सस्पेंस (1 घंटा 50 मिनट) रिलीज- 12 सितंबर, 1958
निर्माता/निर्देशक- विमल रॉय
लेखक- ऋत्विक घटक
गीतकार- शैलेन्द्र संगीतकार- सलिल चौधरी
संपादन– ऋषिकेश मुखर्जी सिनेमैटोग्राफ़ी– दिलीप गुप्ता
मुख्य कलाकार- दिलीप कुमार, बैजयंतीमाला, प्राण, जॉनी वॉकर, जयंत, तरुण बोस, रामायण तिवारी आदि
कथावस्तु
देवेन्द्र (दिलीप कुमार), जो एक इंजीनियर है, अपने दोस्त डॉक्टर (तरुण बोस) के साथ कार से रात को तूफ़ान और बारिश में पहाड़ी रास्तों से होकर अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को लेने रेलवे स्टेशन जा रहा है। रास्ते में भूस्खलन के कारण रास्ता बन्द हो जाता है तो कार का ड्राइवर मदद लेने के लिए जाता है और दोनों दोस्त एक पुरानी हवेली में शरण लेते हैं। वहाँ देवेन्द्र को हवेली जानी पहचानी सी लगती है और उसे धीरे-धीरे पुराने जन्म की बातें याद आने लगती हैं। वह अपने डॉक्टर दोस्त और हवेली के चौकीदार को कहानी सुनाना शुरू करता है।
गीत-संगीत
फ़िल्म में कुल 9 गीत हैं जिन्हें महान गीतकार शैलेन्द्र जी ने लिखा है और संगीत दिया है सलिल चौधरी जी ने।
- जुल्मी संग आँख लड़ी (लता मंगेशकर) 3.28 मिनट
- आजा रे परदेसी (लता मंगेशकर) 4.29 मिनट
- चढ़ गयो पापी बिछुआ (लता मंगेशकर, मन्ना डे) 5.58 मिनट
- दिल तड़प तड़प के (लता मंगेशकर, मुकेश) 3.28 मिनट
- घड़ी घड़ी मोरा दिल धड़के (लता मंगेशकर) 3.19 मिनट
- हम हाल-ऐ-दिल सुनाएंगे (मुबारक बेगम) 3.25 मिनट
- जंगल में मोर नाचा (मोहम्मद रफ़ी) 3.08 मिनट
- सुहाना सफ़र (मुकेश) 3.49 मिनट
- टूटे हुये ख़्वाबों ने (मोहम्मद रफ़ी) 3.19 मिनट
सम्मान एवं पुरस्कार
- राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्म
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- कुल 12 रिकॉर्ड नामांकन हुए जिसमें से सर्वाधिक 9 पुरस्कार मिले।
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्म
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (बिमल रॉय)
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता (जॉनी वॉकर)
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ संगीतकार (सलिल चौधरी)
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ गायिका (लता मंगेशकर)
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन (राजिंदर सिंह बेदी)
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशन (सुधेन्दु रॉय)
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी (दिलीप गुप्ता)
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1959)- सर्वश्रेष्ठ संपादन (ऋषिकेश मुखर्जी)
रोचक तथ्य
- मधुमती से प्रेरित प्रसिद्ध पुनर्जन्म फिल्में जैसे मिलन (1967), महबूबा (1976), कर्ज़ (1980), कुदरत (1981), जन्म जन्म (1988) और करण अर्जुन (1995), ओम शान्ति ओम (2007) आदि हैं।
- मधुमती से प्रेरित कुदरत (1981) की कहानी भी मिलती-जुलती है, फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है कि फ़िल्म का हीरो अगला जन्म लेकर विलेन को सज़ा दिलवाता है।
- इस फ़िल्म का वह दृश्य जिसमें मधुमती की रुह राजा उग्रनारायण को पकड़वाने में आनन्द की मदद करती है, हू-ब-हू फ़िल्म ओम शांति ओम में नक़ल किया गया है और इसी वजह से बिमल रॉय की पुत्री रिंकी भट्टाचार्य ने फ़िल्म के निर्माता को नक़ल करने के लिये अदालत में ले जाने की धमकी दी थी।
- मधुमती ने 6वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में 12 नामांकन के साथ 9 पुरस्कार जीते, और यह रिकॉर्ड 37 वर्षों तक रहा।
- मधुमती पहली फ़िल्म है जहाँ किसी अभिनेत्री ने तिहरी भूमिका (ट्रिपल रोल) निभाई।