15/05/2024

मदर इंडिया

मदर इंडिया / Mother India (1957)

शैली- ड्रामा-म्यूजिकल-फैमिली (2 घंटे 52 मिनट) रिलीज– 25 अक्टूबर, 1957

निर्माता/निर्देशक- महबूब ख़ान

लेखक- महबूब ख़ान, वजाहत मिर्ज़ा, एस अली रज़ा

संपादन– शम्सुद्दीन कादरी   सिनेमैटोग्राफ़ी– फ़रीदून ए. ईरानी

मुख्य कलाकार

  • नर्गिस – राधा
  • सुनील दत्त – बिरजू
  • राजेन्द्र कुमार – रामू
  • राज कुमार – श्यामू
  • कन्हैया लाल – सुक्खी लाला
  • कुमकुम – चंपा
  • मुकरी – शंभु
  • शीला नाईक – कमला
  • आज़ाद – चंद्र

कथावस्तु

1940 में फ़िल्म “औरत” में महबूब ख़ान एक आम हिंदुस्तानी औरत के संघर्ष और हौसले को सलाम करते हैं और उसे एक ऐसी जीवन वाली महिला के रूप में पेश करते हैं, जो विपरीत हालात में भी डटकर खड़ी रहती है। इस फ़िल्म में एक गाँव की कहानी है, जिसमें एक कुटिल और लालची साहूकार अपनी हवस पूरी करने के लिए किसान परिवार की एक स्त्री पर अत्याचार करता है। 17 साल बाद यानी 1957 में महबूब ख़ान ने इसी फ़िल्म का नया संस्करण “मदर इंडिया” शीर्षक के साथ बनाया। “औरत” की तरह “मदर इंडिया” को भी अपार सफलता हासिल हुई और इस फ़िल्म ने महबूब ख़ान को भारतीय सिने इतिहास में अमर कर दिया।

गीत-संगीत

मदर इंडिया का गीत-संगीत भी बहुत पसंद किया गया। शकील बदायूंनी के लिखे भावपूर्ण गीतों को नौशाद की सुरीली धुनों का सहारा मिला था। फ़िल्म के ज़्यादातर गीत शमशाद बेगम, मुहम्मद रफ़ी और मन्ना डे ने गाये, जबकि नर्गिस पर फ़िल्माए गए गीत लता मंगेशकर ने गाये। लता के गाए गीत आज भी संगीत प्रेमियों को बेहद पसंद हैं। “दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पड़ेगा” और “ओ मेरे लाल आजा” जैसे गीतों को लोग आज भी बड़े चाव से सुनते हैं।

क्रमांकगीतगायक/गायिका
1.“चुन्दरिया कटती जाये”मन्ना डे
2.“नगरी नगरी द्वारे द्वारे”लता मंगेशकर
3.“दुनिया में हम आये हैं”लता मंगेशकर, मीणा मंगेशकर, उषा मंगेशकर
4.“ओ गाडीवाले”शमशाद बेगम, मो. रफ़ी
5.“मतवाला जिया डोले पिया”लता मंगेशकर, मो. रफ़ी
6.“दुःख भरे दिन बीते रे भैया”शमशाद बेगम, मोहम्मद रफ़ी, मन्ना डे, आशा भोसले
7.“होली आई रे कन्हाई”शमशाद बेगम
8.“पी के घर आज प्यारी दुल्हनिया चली”शमशाद बेगम
9.“घूँघट नहीं खोलूंगी सैयां”लता मंगेशकर
10.“ओ मेरे लाल आजा”लता मंगेशकर
11.“ओ जाने वालों जाओ ना”लता मंगेशकर
12.“ना मैं भगवन हूँ”मोहम्मद रफ़ी

सम्मान एवं पुरस्कार

  • कारलोरावेरी अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री नर्गिस।
  • आधिकारिक ऑस्कर (1957) नामांकन।
  • राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार (1957)- सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्म।
  • फ़िल्मफेयर (1958)- सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, सर्वश्रेष्ठ छायाकार, सर्वश्रेष्ठ ध्वनि।

रोचक तथ्य

  • “मदर इंडिया” को बनाने में पूरे 3 साल लगे और इस दौरान कुल मिलाकर 100 दिनों की शूटिंग की गई।
  • इस फ़िल्म में नर्गिस के बेटे बने सुनील दत्त ने फ़िल्म की शूटिंग के दौरान आग से नर्गिस की जान बचाई थी और बाद में दोनों ने शादी कर ली थी।
  • यह फ़िल्म अब तक बनी सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट भारतीय फ़िल्मों में गिनी जाती है और अब तक की भारत की सबसे बढ़िया फ़िल्म गिनी जाती है।

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