संगम / Sangam (1964)
शैली- ड्रामा-रोमांस-म्यूजिकल (3 घंटे 58 मिनट) रिलीज- 18 जून, 1964
निर्माता/निर्देशक- राज कपूर
पटकथा- इंदर राज इंदर
गीतकार- शैलेन्द्र, हसरत जयपुरी संगीतकार- शंकर जयकिशन
संपादन– राज कपूर सिनेमैटोग्राफ़ी– राधू कर्माकर
मुख्य कलाकार
- राज कपूर – सुन्दर खन्ना
- राजेन्द्र कुमार – गोपाल वर्मा
- वैजयंतीमाला – राधा
- इफ़्तेख़ार – भारतीय वायुसेना अधिकारी
- राज मेहरा – जज मेहरा
- नाना पालसिकर – नत्थू
- ललिता पवार – श्रीमती वर्मा
- हरि शिवदासानी – कैप्टन
- अचला सचदेव – कैप्टन की पत्नी
कथावस्तु
सुन्दर (राज कपूर), गोपाल (राजेन्द्र कुमार) और राधा (वैजयंतीमाला) बचपन से दोस्त रहते हैं। बड़े होने के बाद राधा से सुन्दर प्यार करने लगता है, पर वो गोपाल को पसंद करती है। जब सुन्दर अपने प्यार के बारे में गोपाल को बताता है तो गोपाल अपने प्यार को मन में ही दबा देता है। सुन्दर भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाता है और उसे कश्मीर में एक मिशन पर जाना होता है। वो जाने से पहले गोपाल से वादा लेता है कि वो किसी को भी राधा और उसके बीच नहीं आने देगा और ऐसा बोल कर वो चले जाता है। इसके बाद उसका विमान नष्ट होने की खबर आती है, जिससे सभी मान लेते हैं कि उसकी मौत हो चुकी है। सुन्दर के मर जाने के बाद, राधा से अपने दिल की बात कहने के लिए गोपाल एक प्रेम पत्र लिखता है, और वो उस पत्र को लेकर अपने पास कहीं छुपा लेती है। दोनों शादी करने की सोचते रहते हैं कि तभी सुन्दर पूरी तरह सुरक्षित और अच्छे हालत में वापस आ जाता है। सुन्दर को देख कर गोपाल फिर से अपने प्यार को मन में ही दबा लेता है। सुन्दर वापस आने के बाद वो राधा को शादी के लिए मनाने की कोशिश करते रहता है और बाद में उन दोनों की शादी भी हो जाती है। लव ट्रायंगल पर आधारित यह फ़िल्म बाद में कई कल्ट क्लासिक के लिए मिसाल बनी।
गीत-संगीत
इस फिल्म का संगीत शंकर जयकिशन ने दिया था, जबकि गीत शैलेंद्र और हसरत जयपुरी ने लिखे थे। साउंडट्रैक को प्लेनेट बॉलीवुड द्वारा 100 महानतम बॉलीवुड साउंडट्रैक की सूची में नंबर 8 के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। वैजयंतीमाला ने भी मोहम्मद रफ़ी के साथ “ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर” की धुनों पर खूबसूरती से गुनगुनाते हुए एक गायिक के रूप में अपनी शुरुआत की। ‘मैं का करूं राम मुझे बुढ्ढा मिल गया’ आज भी सुनने को मिल जाता है।
- “ओ महबूबा तेरे दिल” (गीतकार- हसरत जयपुरी; गायक- मुकेश) 5:04 मिनट
- “बोल राधा बोल” (गीतकार- शैलेन्द्र; गायन- मुकेश, वैजयंतीमाला) 4:21 मिनट
- “ये मेरा प्रेम पत्र” (गीतकार- हसरत जयपुरी; गायन- मोहम्मद रफी 4:25 मिनट
- “मैं का करूँ राम” (गीतकार- हसरत जयपुरी; गायन- लता मंगेश्कर 3:45 मिनट
- “ओ मेरे सनम” (गीतकार- शैलेन्द्र; गायन- लता मंगेश्कर, मुकेश 4:28 मिनट
- “हर दिल जो प्यार करेगा” (गीतकार- शैलेन्द्र; गायक- मुकेश, लता मंगेश्कर, महेन्द्र कपूर) 4:45 मिनट
- “दोस्त दोस्त ना रहा” (गीतकार- शैलेन्द्र; गायक- मुकेश) 5:46 मिनट
सम्मान एवं पुरस्कार
- बंगाल फिल्म पत्रकार संघ पुरस्कार- सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, अभिनेता, अभिनेत्री सहित कुल 6 श्रेणियों में पुरस्कार मिले।
- फ़िल्मफेयर पुरस्कार (1962)- कुल 4 पुरस्कारों से सम्मानित हुई।
- सर्वश्रेष्ठ निर्देशक- राज कपूर
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री- वैजयंतीमाला
- सर्वश्रेष्ठ संपादन- राज कपूर
- सर्वश्रेष्ठ ध्वनि संपदान- अल्लाउद्दीन ख़ान क़ुरैशी
रोचक तथ्य
- फ़िल्म भारत के अलावा रूस, तुर्की, बुल्गारिया, ग्रीस, हंगरी आदि देशों में भी रिलीज हुई और हिट हुई थी।
- संगम, राज कपूर की पहली रंगीन फिल्म थी इसे कभी-कभी राज कपूर की शानदार और प्रसिद्ध रचना भी माना जाता है, क्योंकि यह उनके सबसे अच्छे कामों में से एक है।
- संगम बॉलीबुड की सबसे लम्बी फ़िल्म (3 घंटे 58 मिनट) होने के लिये भी प्रतिष्ठित थी जिसके कारण इसे सिनेमाघर में दो इंटरवल के साथ दिखाया गया था।
- साल 1981 में तेलुगू और कन्नड़ भाषा में संगम का रीमेक ‘स्वप्ना’ के नाम से बना।
- संगम अपने दशक (1960-1969) में मुग़ल-ए-आज़म के बाद सबसे बड़ी हिट थी।