15/05/2024

तीसरी कसम


तीसरी कसम / Teesri Kasam (1966)

शैली- कॉमेडीड्रामा-रोमांस  (2 घंटे 39 मिनट) रिलीज- 1966 

निर्माता- शैलेन्द्र  निर्देशक- बासु भट्टाचार्य

पटकथा- नबेन्दु घोष संवाद- फणीश्वर नाथ रेणु 

गीतकार-  शैलेन्द्र, हसरत जयपुरी  संगीतकार- शंकर-जयकिशन 

संपादन– इकबाल  सिनेमैटोग्राफ़ी– सुब्रत मित्र

मुख्य कलाकार

  • राज कपूर – हीरामन
  • वहीदा रहमान – हीराबाई
  • दुलारी – हीरामन की भाभी
  • इफ़्तेख़ार – जमींदार विक्रम सिंह
  • सी एस दुबे – बिरजू
  • कृष्ण धवन – लालमोहर
  • कैस्टो मुखर्जी – शिवरतन

कथावस्तु

हीरामन (राज कपूर) एक गाड़ीवान है। उसकी गाड़ी में हीराबाई (वहीदा रहमान) बैठी है। हीराबाई नौंटकी में अभिनय करने वाली एक खूबसूरत अदाकारा है जिसे सामान्य भाषा में ‘बाई’ कहा जाता है। हीरामन कई कहानियां सुनाते और लीक से अलग ले जाकर हीराबाई को कई लोकगीत सुनाते हुए सर्कस के आयोजन स्थल तक हीराबाई को पहुँचा देता है। इस बीच उसे अपने पुराने दिन याद आते हैं और लोककथाओं और लोकगीत से भरा यह अंश फिल्म के आधे से अधिक भाग में है। हीरामन अपने पुराने दिनों को याद करता है जिसमें एक बार नेपाल की सीमा के पार तस्करी करने के कारण उसे अपने बैलों को छुड़ा कर भगाना पड़ता है। इसके बाद उसने कसम खाई कि अब से “चोरबजारी” का सामान कभी अपनी गाड़ी पर नहीं लादेगा। उसके बाद एक बार बांस की लदनी से परेशान होकर उसने प्रण लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए वो बांस की लदनी अपनी गाड़ी पर नहीं लादेगा। हीराबाई नायक हीरामन की सादगी से इतनी प्रभावित होती है कि वो मन ही मन उससे प्यार कर बैठती है।  उसके साथ मेले तक आने का 30 घंटे का सफर कैसे पूरा हो जाता है उसे पता ही नहीं चलता।

हीराबाई हीरामन को उसके नृत्य का कार्यक्रम देखने के लिए पास देती है जहां हीरामन अपने दोस्तों के साथ पहुंचता है लेकिन वहां उपस्थित लोगों द्वारा हीराबाई के लिए अपशब्द कहे जाने से उसे बड़ा गुस्सा आता है। वो उनसे झगड़ा कर बैठता है और हीराबाई से कहता है कि वो ये नौटंकी का काम छोड़ दे। उसके ऐसा करने पर हीराबाई पहले तो गुस्सा करती है लेकिन हीरामन के मन में उसके लिए प्रेम और सम्मान देख कर वो उसके और करीब आ जाती है। इसी बीच गांव का जमींदार हीराबाई को बुरी नजर से देखते हुए उसके साथ जबरदस्ती करने का प्रयास करता है और उसे पैसे का लालच भी देता है। नौटंकी कंपनी के लोग और हीराबाई के रिश्तेदार उसे समझाते हैं कि वो हीरामन का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दे नहीं जमींदार उसकी हत्या भी करवा सकता है और यही सोच कर हीराबाई गांव छोड़ कर हीरामन से अलग हो जाती है।

फिल्म के आखिरी हिस्से में रेलवे स्टेशन का दृश्य है जहां हीराबाई हीरामन के प्रति अपने प्रेम को अपने आंसुओं में छुपाती हुई उसके पैसे उसे लौटा देती है जो हीरामन ने मेले में खो जाने के भय से उसे दिए थे। उसके चले जाने के बाद हीरामन वापस अपनी गाड़ी में आकर बैठता है और जैसे ही बैलों को हांकने की कोशिश करता है तो उसे हीराबाई के शब्द याद आते हैं “मारो नहीं” और वह फिर उसे याद कर मायूस हो जाता है।अन्त में हीराबाई के चले जाने और उसके मन में हीराबाई के लिए उपजी भावना के प्रति हीराबाई के बेमतलब रहकर विदा लेने के बाद उदास मन से वो अपने बैलों को झिड़की देते हुए तीसरी क़सम खाता है कि अपनी गाड़ी में वो कभी किसी नाचने वाली को नहीं ले जाएगा।

गीत-संगीत

फिल्म के गीत शैलेन्द्र और हसरत जयपुरी ने लिखे, जबकि संगीत शंकर-जयकिशन की जोड़ी ने दिया है।

क्रमांकगीत गायक/गायिका गीतकार अवधि
1सजन रे झूठ मत बोलोमुकेशशैलेन्द्र3:43
2सजनवा बैरी हो गए हमारमुकेशशैलेन्द्र3:51
3दुनिया बनाने वालेमुकेशशैलेन्द्र5:03
4चलत मुसाफिरमन्ना डेशैलेन्द्र3:04
5पान खाए सैयां हमारोआशा भोसलेशैलेन्द्र4:08
6हाय ग़ज़ब कहीं तारा टूटाआशा भोसलेशैलेन्द्र4:13
7मारे गए गुलफामलता मंगेशकरहसरत जयपुरी4:00
8आ आ आ भी जालता मंगेशकरशैलेन्द्र5:03

सम्मान एवं पुरस्कार

  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (1967) – सर्वश्रेष्ठ फिल्म
    • अभिनय और निर्देशन की नजर से यह फिल्म बेजोड़ थी। इसका अभिनय उच्चकोटि का रहा। इसीलिए 1967 में ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ में इसे सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म का पुरस्कार दिया गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि सब कुछ सादगी से दर्शाया गया।

रोचक तथ्य

  • यह हिन्दी के महान कथाकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी ‘मारे गये गुलफाम’ पर आधारित है।
  • यह फ़िल्म उस समय व्यावसायिक रूप से सफ़ल नहीं रही थी, पर इसे आज इसे हिन्दी की श्रेष्ठतम फिल्मों में शुमार किया जाता है।
  • इस फ़िल्म की असफलता के बाद शैलेन्द्र काफी निराश हो गए थे और उनका अगले ही साल निधन हो गया था।
  • आजादी के बाद भारत के ग्रामीण समाज को समझने के लिए ‘तीसरी कसम’ मील का पत्थर साबित हुई।

ऑनलाइन उपलब्ध है / Online Available

Loading

संपर्क | अस्वीकरण | गोपनीयता नीति | © सर्वाधिकार सुरक्षित 2019 | BollywoodKhazana.in
Optimized by Optimole