14/05/2024

क्यों फ्लॉप हुई रणवीर सिंह की ’83’, जानिए 5 बड़े कारण?

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रणवीर सिंह की हालिया रिलीज फिल्म ’83’ 1983 में विश्वकप क्रिकेट जीतने वाली टीम पर आधारित है। कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय टीम कमाल करते हुई विश्व चैम्पियन बनी थी। कबीर खान द्वारा निर्देशित इस फिल्म से बॉलीवुड को बेहद आशाएं थीं, इसलिए फिल्म को दो वर्ष तक इसलिए रोका गया ताकि थिएटर में रिलीज कर ज्यादा मुनाफा कमाया जाए। बॉक्स ऑफिस के अपने कायदे-कानून हैं और फिल्म ’83’ का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा। भारत के सबसे बड़े क्रिकेट सुपरस्टार रहे कपिल देव को पर्दे पर साकार करने वाले रणवीर सिंह की फिल्म 83 की रिलीज से पहले मेकर्स और दर्शकों को उम्मीद थी कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भारत में अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन जाएगी। सितारों से सजी यह फिल्म 1983 में क्रिकेट में भारत के विश्व चैंपियन बनने की जीत की गाथा को दर्शाती है। बॉलीवुड स्टार्स और क्रिकेट स्टार्स से सजी ये फिल्म वाकई में हर उस खूबी से भरपूर थी जिसे हिंदी फिल्मों में हिट फिल्म के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

इसके साथ ही इस फिल्म को लेकर कई ट्रेड एक्सपर्ट्स ने बड़े-बड़े दावे किए थे कि फिल्म कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ देगी। जबरदस्त कमाई करेगी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म के निराशाजनक प्रदर्शन ने सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह इस फिल्म को करोड़ों रुपये का नुकसान कर बॉक्स ऑफिस पर पस्त दिख रहे हैं क्योंकि रणवीर सिंह ने इसके संग्रह से लाभ का हिस्सा लेने का सपना देखा था जो अब टूट गया है।

’83’ फ्लॉप क्यों? 5 बड़े कारण

1. ओवर बजट-

फिल्म का बड़ा बजट फ़्लॉप होने का मुख्य कारण माना जा सकता है। फिल्म सूत्रों के मुताबिक 83 का बजट 250 करोड़ रुपये से ज्यादा था। बजट के हिसाब से फ़िल्म को कम से कम बॉक्स ऑफ़िस से 300 करोड़ रुपये कमाने पड़ते जो किसी स्पोर्ट्स आधारित फ़िल्म के लिए बहुत ही मुश्किल कार्य था। किसी भी स्पोर्ट्स बेस्ड फ़िल्म का बजट इतना नहीं हो सकता। फ़िल्म की शूटिंग के बाद प्रमोशन में भी बेहिसाब पैसा खर्च किया गया। इस फिल्म को लेकर टीम संयुक्त अरब अमीरात और दुनिया के अन्य देशों में गई, लेकिन प्रचार के लिए टीवी और अन्य मीडिया के इस तरह के उपयोग के कारण प्रचार और विपणन टीम द्वारा भारी गलतियां की गई।

2. कंटेंट पसंद न आना-

इसमें कोई दोराय नही कि रणवीर सिंह ने कपिल देव का किरदार बहुत ही बेहतरीन निभाया है लेकिन दर्शकों का मानना ​​है कि फिल्म में विश्व विजेता खिलाड़ियों को कपिल देव के अलावा किसी को स्थिर नहीं किया गया। जैसे यशपाल शर्मा या रोजर बिन्नी जैसे बड़े खिलाड़ियों के किरदारों को ठीक से न दिखाना भी लोगों को पसंद नहीं आया। फिल्म के डायलॉग्स में भी दम नहीं है। शाहरुख ख़ान की चक दे ​​इंडिया के डायलॉग आज भी देश के हर फिल्म पसंद दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं। आपके पास 70 मिनट हैं, मैं ताकत नहीं बल्कि इरादा ढूंढ रहा हूं। जैसे डायलॉग आज भी लोगों को याद हैं और आने वाले दिनों में कहीं न कहीं सुनने को मिल ही जाते हैं, लेकिन 83 में ऐसे कड़े शब्दों की कमी साफ नजर आती है। कभी-कभी फिल्म का संगीत भी फिल्म की सफलता में एक बड़ी भूमिका निभाता है। गाने बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं, खासकर अगर यह खेल और देशभक्ति से जुड़ी फिल्म है, लेकिन 83 का कोई गाना ऐसा नहीं है जो लोगों के दिलों में उतरा हो। माना जा रहा है कि 83 के फ्लॉप होने में बेकार संगीत भी शामिल है। इस मामले में फिल्म एम एस धोनी, मैरीकॉम, भाग मिल्खा, 83 के गानों से काफी आगे नजर आई। चक दे ​​इंडिया के गाने 14 साल बाद भी सभी को प्रेरित करते हैं।

3. ओमीक्रॉन वायरस-

24 दिसंबर को 83 रिलीज होने के बाद ही कोरोना ने एक बार फिर ओमीक्रॉन वायरस की दस्तक से पूरे देश में हड़कंप मच गया है। हर दिन बढ़ते मामले लोगों के मन में खौफ पैदा कर रहे थे जिसके चलते दिल्ली में सिनेमाघर बंद कर दिए गए। कई राज्यों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ सिनेमाघरों में प्रवेश किया गया है। ऐसे में अब लोग इस फिल्म के ओटीटी पर रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं।

4. स्पाइडरमैन और पुष्पा–

जब दर्शकों को 83 का कंटेट पसंद नहीं आया तो लोगों ने अन्य फ़िल्मों को देखने का मन बनाया। जो लोग फिल्म देखने के लिए सिनेमाघरों में जाने का जोखिम उठा रहे हैं, वे सिर्फ हॉलीवुड फिल्म ‘स्पाइडर-मैन नो वे होम’ या साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा (Pushpa) के लिए जा रहे हैं। ऐसे में दर्शक 83 के लिए कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इस वजह से भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ठंडी साबित हो रही है।

5. सोशल मीडिया पर निगेटिव पब्लिसिटी

कहा जाता है कि एक पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला का हाथ होता है, लेकिन रणवीर सिंह का यह ड्रीम प्रोजेक्ट उनकी पत्नी दीपिका पादुकोण की वजह से धराशायी हो गया। दरअसल, फिल्म की असफलता का एक कारण कुछ समय पहले जेएनयू के प्रदर्शनकारियों को दीपिका का समर्थन माना जा सकता है। दीपिका पादुकोण की पिछली फ़िल्म छपाक (Chhapaak) का प्रदर्शन भी इससे प्रभावित हुआ था। साथ ही सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से जुड़े ड्रग्स मामले में भी दीपिका का नाम लोगों के एक बड़े वर्ग द्वारा इस फिल्म के बहिष्कार का कारण बना। फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का ड्रग्स के मामले में नाम आने के बाद से लोगों का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से नाराज है। इसके अलावा हाल ही में फ़िल्म के निर्देशक कबीर ख़ान द्वारा दिये गये विवादास्पद बयान का भी फ़िल्म को खामियाजा भुगतना पड़ा है। गौरतलब है कि निर्देशक कबीर ख़ान ने 83 के रिलीज से करीब 2 महीने पहले मुगलों को राष्ट्र निर्माता बताया था जिस पर मीडिया में खूब हंगामा हुआ था।

 

 

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